स्वास्थ्य विभाग अब तक जिले में मिले डेंगू के 10 मरीज, फिलहाल 01 एक्टिव केस

अररिया, रंजीत ठाकुर। जिले में डेंगू का प्रसार जारी है। लिहाजा स्वास्थ्य विभाग इस पर प्रभावी नियंत्रण संबंधी उपायों की मजबूती में जुटा है। जिले में डेंगू नियंत्रण संबंधी पर्याप्त इंतजाम किये गये हैं। हर दिन डेंगू संबंधी मामलों की समीक्षा की जा रही है। अगस्त माह से अब तक जिले में डेंगू रोग के सत्यापन के लिये कुल 431 संदेहास्पद मरीजों का एलीजा टेस्ट किया गया है। इसमें अब तक डेंगू के 10 मामले सामने आये हैं। इसमें अधिकांश मरीज डेंगू की चुनौती को मात देकर पूरी तरह स्वस्थ हो चुके हैं। फिलहाल जिले में डेंगू का महज एक एक्टिव केस है। गौरतलब है कि अब तक मिले के अधिकांश डेंगू मरीज पटना, हरियाणा, दिल्ली, पंजाब जैसे शहरों से रोगग्रस्त होकर घर लौटे हैं। विभागीय स्तर से मरीजों की सेहत की समुचित निगरानी की जा रही है। इधर डेंगू के संभावित खतरों से निपटने व मरीजों को बेहतर चिकित्सकीय सेवा उपलब्ध कराने की दिशा में विभिन्न स्तरों पर जरूरी पहल की गयी है।


जांच व इलाज का जिले में समुचित इंतजाम

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि डेंगू से जुड़ी चुनौतियों से निपटने के लिये विभाग पूरी तरह तैयार है। इसके लिये सदर अस्पताल में 10, अनुमंडल अस्पताल फारबिसगंज में 06 बेड सहित सभी पीएचसी में दो बेड़ क्षमता वाला विशेष डेंगू वार्ड संचालित किया जा रहा है। सभी पीएचसी में डेंगू जांच किट पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है। सदर अस्पताल अररिया व अनुमंडल अस्पताल फारिसगंज में डेंगू मरीजों के लिये प्लेटलेट्स जांच की सुविधा उपलब्ध है। डेंगू के संभावित खतरों से निपटने के लिये हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर स्तर पर जांच की सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में जरूरी पहल की जा रही है। डेंगू के वैसे मरीज जिन्हें प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत हो उन्हें पूर्णिया मेडिकल कॉलेज या भागलपुर मेडिकल कॉलेज भेजने के लिये नि:शुल्क एंबुलेंस की सुविधा उपलब्ध है।

लक्षणों के आधार रोग की आसानी से पहचान संभव –

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जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण डॉ अजय कुमार सिंह ने बताया कि सामान्य लक्षणों के आधार पर डेंगू की पहचान आसान है। उन्होंने बताया कि तेज बुखार, बदन, सर व जोड़ों में दर्द , आंखों के पीछे दर्द, नाक, मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव, त्वचा पर लाल धब्बे व चकत्ते का निशान होने पर बिना समय नष्ट किये नजदीकी अस्पताल समुचित जांच के बाद इलाज कराना जरूरी है।

डेंगू से बचाव के लिये उठायें ये कदम –

सिविल सर्जन डॉ विधानचंद्र सिंह ने कहा कि थोड़ी सी सतर्कता व सावधानी से डेंगू के खतरों से अपने परिवार व समाज को सुरक्षित रखा जा सकता है। इसके लिये सोते समय मच्छरदानी का उपयोग, पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें, घर व सभी कमरों को साफ-सुथरा हवादार बनाये रखना जरूरी है। घर के अंदर व आसपास जलजमाव नहीं होने दें। डेंगू व चिकनगुनिया बुखार की स्थिति में सभी रोगियों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं होती है। ससमय इलाज से मरीज बहुत जल्द पूरी तरह स्वस्थ हो सकता है।

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